एक और दर्द - हिन्दी
मधुरा मनोहरा पुनीता है हिन्दीशैशव की गीता संगीता है हिन्दी
हिन्दी है माटी की प्राकट्य प्रतिबिम्ब
देव भूमि संस्कृति की परिणीता है हिन्दी
सुनती है भारत वसुंधरा की धड़कन
सुख दुःख की अंतःकरण की है भाषा
आशा है राष्ट्र- उत्थान के कंटक पथ की
सजग सत्य पथ की अभिलाषा है हिन्दी
हिन्दी जो माता - सहोदर- सहपाठी है
सहचरी है पगपग पर प्रेरक हमारी
हमारी मुंह बोली सहेली अलबेली
अपने ही घर में परित्यक्ता - अकेली है
अंग्रेजी हरजाई के मद में सब डूबे है
हिंगलिश की घुटनों में सिसकती है हिन्दी
....... अरुण
(१२ सितम्बर २००५)
हिंदी दिवस के लिए
झिलमिलाते दीपो की आभा से प्रकाशित , ये दीपावली आप सभी के घर में धन धान्य सुख समृद्धि और इश्वर के अनंत आर्शीवाद लेकर आये. इसी कामना के साथ॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰ दीपावली की हार्दिक शुभकामनाए.."
ReplyDeleteबहुत ख़ूब कहा........
ReplyDeleteअच्छी कविता !
आपका स्वागत है
आपको और आपके परिवार को दीपोत्सव की
हार्दिक बधाइयां
WiSh U VeRY HaPpY DiPaWaLi.......
ReplyDeleteKitna accha expression hai thoughts ka. Bahot acchee likhi hai aapne.
ReplyDeleteThankx. Your approval is my reward.
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